नेपाल से MBBS करने वाले छात्रों को हो सकती है परेशानी, भारत में प्रैक्टिस के लिए नहीं मिलेगा लाइसेंस! जानें कारण
नेपाल, जो भारत का पड़ोसी देश है, यहां मेडिकल की पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों की एक बड़ी संख्या जाती है। नेपाल में मेडिकल शिक्षा का खर्च भारत के मुकाबले काफी कम है, जिसके कारण भारतीय छात्र यहां पढ़ाई के लिए आकर्षित होते हैं। हालांकि, नेपाल में MBBS की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी समस्या सामने आ सकती है।
नेपाल में MBBS: खतरे की घंटी
नेपाल में MBBS की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को अब अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, अन्यथा उनका डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह सकता है। नेपाल में एमबीबीएस के लिए एडमिशन प्रक्रिया इस समय चल रही है, लेकिन विशेषज्ञों ने भारतीय छात्रों को चेतावनी दी है कि नेपाल के मेडिकल कॉलेज भारत में प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी 'फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंस' (FMGL) रेगुलेशन्स, 2021 के मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं।
क्या है FMGL रेगुलेशन्स का महत्व?
FMGL रेगुलेशन्स के तहत, अगर कोई छात्र विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करता है, तो उसे सबसे पहले उस देश में मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस प्राप्त करना होता है। इसके बाद ही वह भारत में प्रैक्टिस करने के लिए योग्य माना जाता है।
इसका मतलब यह है कि जिन छात्रों ने 2021 के बाद नेपाल में MBBS या BDS की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया है या फिर जो वहां जाने का विचार कर रहे हैं, उनके लिए एक बड़ी असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है। नेपाल में मिलने वाला लाइसेंस भारत में मान्यता प्राप्त नहीं होगा, जिससे इन छात्रों को भारत में डॉक्टर बनने की राह में अड़चनें आ सकती हैं।
निष्कर्ष:
यदि आप नेपाल में MBBS करने का विचार कर रहे हैं, तो आपको इस मामले की पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। अब तक यह स्थिति स्पष्ट नहीं है कि नेपाल में मेडिकल की डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को भारत में काम करने की अनुमति मिलेगी या नहीं। इसलिए, यह जरूरी है कि आप अपने करियर की दिशा तय करने से पहले इन नियमों के बारे में पूरी तरह से जानकारियां प्राप्त करें।