• Home
  • About us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Service
CentralGyan | News | Current Affairs | Jobs & Career |
  • Home
  • | News |
  • | Recruitment & Jobs |
HomeGeography

भारत की खनिज सम्पदा : भूगोल

byCentral Gyan
0
भारत की खनिज सम्पदा 

भारत में खनिज सम्पदा का विशाल भंडार है, जिससे उद्योगों को, विशेषकर लोहा-उद्योग को कच्चा माल मिलता है । भूगर्भीय सर्वेक्षण विभाग के अनुसार भारत में खनिज सम्पदा वाले 50 क्षेत्र हैं और उन क्षेत्रों में लगभग 400 स्थलों पर खनिज मिलते हैं । भारत में लौह-अयस्क का बहुत विशाल भंडार है । 
भारत लोहा के अलावे मैंगनीज, क्रोमाईट, टाइटेनियम, मैग्नासाईट, केनाईट, सिलिमनाईट, परमाणु-खजिनों अभ्रक और बाक्साइट के मामले में न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि इनका बड़ी मात्रा में निर्यात भी करता है ।
minerals in india


भारत में खनिज सम्पदा का वितरण बहुत असमान है । 
दामोदर घाटी प्रदेश में पेट्रोलियम को छोड़कर खनिज  सम्पदा का सर्वाधिक भंडार है । जबकि मंगलौर से कानपुर की रेखा के पश्चिमी भाग के प्रायद्वीपीय क्षेत्र में खनिज के भंडार बहुत कम हैं । इस रेखा के पूर्व में धात्त्विक खनिज, कोयला, अभ्रक तथा कई गैर-धात्त्विक खनिजों के बड़े भंडार हैं । गुजरात और असम में पेट्रोलियम के समृद्ध भंडार हैं । राजस्थान में कई अधात्त्विक खनिजों के भंडार हैं । 

जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड और पं. बंगाल में खनिज सम्पदाओं की कमी है । खनिज संपदा से विपन्न अन्य राज्य राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और मेघालय हैं । धात्त्विक एवं अधात्त्विक खनिजों तथा कोयला का अधिकांश उत्पादन बिहार और मध्य प्रदेश में होता है ।

खनिज अन्वेषण और विकास


भारत में खनिज संसाधनों के लिए भू-भौतिक अन्वेषण कठिन है, मुख्य रूप से उत्तर में, जहां जलोढ़ मिट्टी की परतंन रवेदार चट्टानों से घिरी हैं। पुरातन लावा प्रवाह एवं रेगिस्तान खनिज संसाधनों के प्रभावी अन्वेषण में एक अन्य बाधा है. 
भारत सरकार ने खनिज संसाधनों के अन्वेषण एवं विकास के लिए कई संगठनों एवं संस्थानों का गठन किया है। उत्खनन को संविधि दर्जा देने के लिए वर्ष 1957 में खदान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम लागू किया गया। 

भारतीय भूगर्भिक सर्वेक्षण (जीएसआई) सहित कई अन्य महत्वपूर्ण संगठन भारत में खनिज संसाधनों के अन्वेषण एवं विकास में संलग्न हैं। इसके अतिरिक्त मिनरल एक्सप्लोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स (आईबीएम), तथा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम भी इस कार्य में शामिल हैं।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई): यह एक सर्वप्रमुख राष्ट्रीय एवं शोध संगठन तथा यह सरकार के उद्योग एवं सामन्यतया जनता को भू-विज्ञान सुचना प्रदान करने वाला है। साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय भू-वैज्ञानिक मंच पर सक्रिय सहभागी है। 
1851 में स्थापित GSI भूवैज्ञानिक सूचनाओं एवं जानकारियों का संग्रह करता है, उन्हें अद्यतन रखता है और इसके लिए जमीनी, समुद्री तथा आकाशीय सर्वेक्षण करता है।

इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (आईबीएम): यह देश में खनिज संसाधनों के वैज्ञानिक विकास के संवर्धन में लगा हुआ है। खनिजों का संरक्षण और खानों में पर्यावरण की रक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, आण्विक खनिज और छोटे खनिजों को छोड़कर उनकी रक्षा करता है। यह विनियामक कार्य करता है अर्थात् खनिज संरक्षण और विकास नियमावली, 1988 को लागू करना, खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 के संगत प्रावधानों को लागू करना, खनिज रियायत नियमावली, 1960 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और उनके अधीन बनाए गए नियमों का प्रवर्तन करना।

मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एमईसीएल): मिनरल एक्सप्लोरेशन ऑफ इंडिया (एमईसीएल) को सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में 1972 में स्थापित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य खनिज पदार्थों के व्यवस्थित अनुसंधान एवं खनिज पदार्थों के भविष्य एवं इसके संभावित दोहन के बीच सेतु बनाना है। इसके मुख्य कार्य खनिज  संसाधनों के अनुसन्धान के ली योजना प्रोत्साहन, संगठन एवं क्रियान्वयन कार्यक्रमों को तैयार करना है। एमईसीएल का मुख्यालय नागपुर में है।

राष्ट्रीय खनिज नीति
नवीन राष्ट्रीय खनिज नीति मार्च 1993 में घोषित की गयी थी । खनिजों के दोहन एवं निर्यात में निवेश हेतु घरेलू तथा विदेशी कंपनियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अब कोई भी विदेशी नागरिक किसी खनन कपनी में अंश धारण कर सकता है। खनन सम्बंधी पट्टों की अवधि में व्यापक स्थिरता की उपलब्धि को सुनिश्चित किया गया हैं। नई खनिज नीति का निर्माण नवीन आर्थिक नीति के प्रकाश में किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र को खनिजों के दोहन में वृद्धि न ला सकने का जिम्मेदार माना गया है। फरवरी 1997 में केंद्र सरकार द्वारा कोयला एवं लिग्नाइट खानों पर से राज्य एकाधिकार को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 को संशोधित करके भारतीय कपनियों को कोयला एवं लिग्नाइट के खनन का अधिकार दिया गया है। विदेशी कपनियां मात्र अंशधारिता के माध्यम से खनन कायों में भागीदार बन सकती हैं। तेल क्षेत्र को खनिज नीति में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि तेल खोज प्रक्रिया में निजी कंपनियों को पृथक् रूप से शामिल होने की अनुमति प्रदान की गयी है। 
आणविक खनिजों (यूरेनियम आदि) को उनकी संवेदनशील प्रकृति के कारण खनिज नीति के दायरे से बाहर रखा गया है। 

धात्त्विक - खनिज

ये दो प्रकार के होते हैं:- 
(1) लौह-अयस्क, मैंगनीज-अयस्क, क्रोमोईट, पाईराईट, आदि लौह धात्त्विक खनिज हैं । भारत इनमें समृद्ध है । 
(2) अलौह धात्त्विक खनिज में तांबा का अयस्क, बॉक्साइट, ईट, जिंक, शीशा, सोना, चाँदी आदि आते हैं 

*बॉक्साइट को छोड़कर अन्य अलौह-धात्विक खनिजों में भारत का उत्पादन पर्याप्त नहीं है, जिससे इन खनिजों का आयात करना पड़ता है ।

लोहा
भारत में लौह-अयस्क का भंडार विश्व में मात्रा एवं गुणवत्ता दोनो आधार पर सर्वोत्कृष्ट है। विश्व के कुल लौह भंडार का 10% भारत में है । भारत में पाये जाने वाले मुख्य लौह-अयस्क हेमाटाईट और मैग्नाटाईट हैं, जिनमें 60-70% तक लोहा मिलता है । इसलिए इनकी बहुत अधिक अंतर्राष्ट्रीय मांग है। देश के लगभग हर राज्य में लौह-अयस्क मिलता है । लेकिन 96% लौह-अयस्क सिंहभूम (बिहार), उड़ीसा के ओनझार, तालचर, बोनई और मयूरभंज में, छत्तीसगढ़ के बैलाडीला में तथा कर्नाटक और गोवा में मिलता है ।

छत्तीसगढ़ के बैलाडीला और राजहरा के खानों से निकाला गया लौह अयस्क विशाखापट्टनम के बंदरगाह से भेजा जाता है । कर्नाटक के दोनईमलाई और कुद्रेमुख के खानों से निकाला गया लौह-अयस्क मंगलोर के बंदरगाह से दूसरे देशों को निर्यात किया जाता है ।

मैंगनीज
मैंगनीज के अयस्क का भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. मैंगनीज का इस्तेमाल लोहा-इस्पात एवं लौह-चुंबकीय मिश्र-धातुओं के निर्माण में होता है । मैगनीज के सर्वाधिक भंडार कर्नाटक में है । इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र के नागपुर और भंडारा तथा मध्य प्रदेश के बालाघाट और छिंदवाड़ा में भी इसके भंडार हैं ।

सोना
भारत में सोना खानों से भी मिलता है और रेत के कणों में भी बिखरे रूप में मिलता है । धारवाड़ के स्तरित चट्टानों वाले क्षेत्र में अधिकांश स्वर्ण-भंडार हैं । भारत में सोने के खान लार और हट्टी (रायचूर जिला) में हैं । ये दोनों खान कर्नाटक राज्य में हैं । कोलार (कर्नाटक) से निकला सोना भारतीय रिजर्व बैंक को बेचा जाता है । 

तांबा
भारत में तांबा की बहुत कमी है, जिससे तांबा का आयात करना पड़ता है । यह मुख्यतः बिहार के सिंहभूम, मोलाबानी और राखा, मध्यप्रदेश के बालाघाट और राजस्थान के खेतड़ी और अलवर में केन्द्रित है । हर साल लगभग 30-35 लाख टन तांबा निकाला जाता है ।

बॉक्साइट
यह एक एल्युमिनियम अयस्क है । एल्युमिनियम एक हल्की धातु है, जिसका उपयोग वायुयान, विद्युत-उपकरणों तथा दैनिक जीवन संबंधी अन्य वस्तुओं के निर्माण में होता है । भारत में बॉक्साइट का विपुल भंडार है । बॉक्साइट के अयस्क अधिकांशतः लेटेराईट क्षेत्रों में मिलते हैं । यह अधिकांशतः उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश (बालाघाट, जबलपुर) छत्तीसगढ़ (बिलासपुर), गुजरात, महाराष्ट्र (बेलगांव और थाणे) और बिहार (राँची और पलामू) में मिलता है ।

अभ्रक
अपने कई गुणों के कारण अभ्रक विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक -उद्योग के लिए बहुत आवश्यक खनिज है । यह अच्छा तापरोधी है और इसे आसानी से इच्छानुसार पतले-पतले चादरों में बाँटा जा सकता है । 
भारत अभ्रक का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जो विश्व के कुल अभ्रक उत्पादन का 85% उत्पादित करता है । विष्व में अभ्रक का 60% व्यापार भारत करता है ।अभ्रक के 60% भंडार अकेले बिहार में ही है । इसके अतिरिक्त यह झारखण्ड, आन्ध्रप्रदेष एवं राजस्थान में भी पाया जाता है ।

चूना-पत्थर
चूना-पत्थर ;(CaCo3)  का उपयोग मुख्य रूप से सीमेंट उद्योग में होता है । मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, उड़ीसा, राजस्थान और कर्नाटक चूना-पत्थर के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

जिप्सम
जिप्सम केलषियम का जलयोजित सल्फाइट है । इसका उपयोग मुख्यतः सीमेंट और एल्युमिनियम सल्फेट बनाने में होता है । इसके अलावा इसका उपयोग प्लास्टर आफ पेरिस तथा सेरेमिक उद्योग में भी होता है । राजस्थान (जोधपुर और बीकानेर) इसका मुख्य उत्पादक राज्य है । इसके बाद तमिलनाडु का स्थान है ।

परमाणु-खनिज
यूरेनियम बिहार (जादूगोड़ा), हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ (बस्तर) में मिलता है। थोरियम केरल तथा तमिलनाडु के तटीय बालू में मिलता है । बेरिलियम (परमाणु संयंत्रों के लिए एक अच्छा नियंत्रक) राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, कश्मीर और आन्ध्र प्रदेश में मिलता है ।

हीरा
भारत में हीरा एकमात्र मध्य प्रदेश के पन्ना क्षेत्र में मिलता है । हीरे के भंडार वाली इस पन्ना-पट्टी में पन्ना, छतरपुर और सतना जिले आते हैं ।

प्रश्नोत्तर:

1. भारत में खनिजों के सर्वेक्षण एवं विकास की जिम्मेदारी किस संस्था के पास है ?
Answer -जीओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और भारतीय खान ब्यूरो

2. जीओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का मुख्यालय कहां है ?
Answer कोलकाता

3. भारतीय खान ब्यूरो का मुख्यालय कहां है ?
Answer नागपुर

4. देश का 75 प्रतिशत लोहा किन राज्यों से प्राप्त किया जाता है ?
Answer  झारखंड और उड़ीसा

5. भारत में सर्वाधिक लौह अयस्क का उत्पादन कहां होता है ?
Answer उड़ीसा

6. मैगनीज उत्पादन में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है ?
Answer -तीसरा

7. देश में सबसे ज्यादा मैंगनीज उत्पादन करने वाला राज्य कौन है ?
Answer उड़ीसा

8. कोयले के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में कौन-सा है ?
Answer तीसरा

9. सबसे उत्तम किस्म के कोयला का क्या नाम है ?
Answer एंथ्रेसाइट

10. भारत में कोयले के उत्पादन में प्रथम तीन राज्य क्रमश: कौन हैं ?
Answer झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा ।

11. भारत में तांबा के उत्पादन में प्रथम तीन राज्य क्रमश: कौन हैं ?
Answer मध्यप्रदेश, राजस्थान और झारखंड ।

12. भारत में बॉक्साइट का सबसे अधिक उत्पादन किस राज्य में होता है ?
Answer -उड़ीसा (कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत)

13. अभ्रक के उत्पादन में विश्व में पहला स्थान किस देश का है ?
Answer -भारत

14. देश में कुल सोने के उत्पादन का 98 प्रतिशत भाग कहां से प्राप्त होता है ?
Answer -कर्नाटक

15. जस्ता के लिए कौन-सा खान प्रसिद्ध है ?
Answer -जवार खान (राजस्थान)


Tags: Geography
  • Facebook
  • Twitter
You may like these posts
Previous Post Next Post

Follow Us

Popular Posts

IAS

कितना खर्च होता है, दिल्ली में IAS की तैयारी करने का: Expenditure in Delhi for preparation of IAS

सिविल सर्विस/ आईएएस की तैयारी में करना पड़ता है इन चीजों का त्याग

क्या बिना कोचिंग के IAS बना जा सकता है? Can I crack IAS exam without coaching?

Can I give UPSC exam from outside India?

Best Hindi Newspapers for UPSC preparation

Share Market

  • Business News(9)
  • Share Market(6)
  • Stocks to buy(2)

Tags

  • Articles (11)
  • Basic Knowledge (12)
  • Daily Current Affairs (107)
  • IAS PREPARATION TIPS (13)
  • International Relations (8)
  • Sports (3)
  • The Hindu (20)
  • UPSC (17)
  • gk today (19)
  • दैनिक समसामयिकी (80)

Featured post

How to identify RSI Diversion in Stock Market ?

Central Gyan- 2:22 PM

Total Pageviews

CentralGyan | News | Current Affairs | Jobs & Career |

Stock | Share Market | News | Jobs & Career

Design by - Blogger Templates
  • Home
  • About
  • Contact Us
  • RTL Version

Contact Form