पासपोर्ट बनाने के नियमों को हाल में आसान बनाने के बाद अब सरकार ऐसे दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए सख्त फीचर लाने की तैयारी में है। 2017 में बायोमीट्रिक डिटेल्स से लैस ई-पासपोर्ट लॉन्च किए जाएंगे।
ई-पासपोर्ट डेटा को सुरक्षित रखेगा और फर्जी पासपोर्ट के जोखिम को रोका जा सकेगा। ई-पासपोर्ट में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप होती है। चिप में वही सूचनाएं होती है, जो पासपोर्ट के डेटा पेज पर छपी होती हैं। चिप के जरिये इमिग्रेशन अधिकारियों को फ्रॉड का पता लगाने और पासपोर्ट का गलत इस्तेमाल रोकने में मदद मिलेगी। ई-पासपोर्ट के बाद विदेश मंत्रालय की योजना पूरी तरह से डिजिटल पासपोर्ट लॉन्च करने की है, जिसे मोबाइल में भी रखा जा सकेगा।
सरकार ने नासिक के इंडिया सिक्योरिटी प्रेस (आईएसपी) में ई-पासपोर्ट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक कॉन्टैक्टलेस इनलेज के प्रोक्योरमेंट को मंजूरी दे दी है। इस सिलसिले में इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन कंप्लायंट इलेक्ट्रॉनिक कॉन्ट्रैक्टलेस इनलेज के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम खरीदने के लिए आईएसपी नासिक को तीन स्तर का टेंडर निकालने की अनुमति दी गई है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम ई-पासपोर्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी है। टेंडर और प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिए जाने के बाद ई-पासपोर्ट की मैन्युफैक्चरिंग शुरू होगी।