परमाणु प्रतिबंध संधि पर 50 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर किये।
- 21 सितंबर 2017 को परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध के लिए एक संधि का आयोजन किया गया जिसमें दुनियाभर से लगभग 50 देशों ने इस संधि में भाग लिया एवं हस्ताक्षर भी किये।
- इस संधि का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा रखा गया था। इस संधि प्रस्ताव का कई बड़े देशों ने आपत्ति भी जताई।
- संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजन परमाणु हथियार प्रतिबंध संधि में कई बड़े देशों ने अपत्ति जताते हुए हस्ताक्षर करने से मना कर दिये जिसमें अमेरिका, रूस, भारत एवं पाकिस्तान जैसे देश भी शामिल हैं।
- इस संधि पर इंडोनेशिया और आयरलैंड सहित 50 देशों ने हस्ताक्षर कर परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध हेतु अग्रसर हुए।
- कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने पहले ही अनौपचारिक रूप से इस संधि को मंजूरी प्रदान कर दी थी जिसमें गुयाना, थाईलैंड एवं वेटिकन सिटी शामिल हैं।
क्या होगा इस संधि के लागू होने के बाद:
- इस संधि के लागू होने पर इन देशों में किसी भी परिस्थिति में, परमाणु हथियारों को विकसित करने, परीक्षण करने, निर्माण करने, एवं उन्हें हासिल करने एवं उन्हे अपने पास रखने या संचर करने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। बड़े देशों में ब्राजील शामिल है जिसके राष्ट्रपति मिशेल टेमर ने इस संधि के पक्ष में हस्ताक्षर किये।
- नाटो ने इस संधि की उपेक्षा करते हुए इसे विश्व के लिए विपरीत परिणाम बताया है।
विश्व की सबसे धनी महिला लिलियन बेटनकोर्ट का निधन
- 21 सितंबर 2017 को विश्व की सबसे धनी महिला लिलियन बेटनकोट का निधन फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो गया। लिलियन का निधन 94 वर्ष की आयु में हुआ।
- लिलियन सौन्दर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनी लॉरियल की उत्तराधिकारी थी।
- लॉरियल कंपनी की स्थापना बेटनकोर्ट ने की थी। जिसमें परिवार के 33 प्रतिशत शेयर थे। अमेरिका की व्यवसायिक पत्रिका फोर्ब्स के अनुसार लिलियन बेटनकोर्ट लॉरियल की प्रमुख शेयरधारक भी थीं।
- फोर्ब्स के मुताबिल लिलियन बेटनकोर्ट वर्तमान में दुनिया की सबसे धनी महिला थीं। फोर्ब्स की रिपोर्ट 2016-17 में लिलियन की कुल सम्पत्ति 33 बिलियन यूरो (25 खरब रूपये) आंकी गई। फोर्ब्स ने लिलियन को विश्व के सबसे धनी व्यक्तियों की श्रेणी में 14वें स्थान पर रखा था।
- लिलियन वर्ष 2012 में कंपनी बोर्ड से अलग हो गई थीं। उस समय वे इस कारण चर्चा में रहीं क्योंकि उस दौरान वह डिमेंशिया से पीड़ित थीं जिसके चलते कंपनी के आठ लोगों ने उनकी सेहत का फायदा उठाने की कोशिश की थी।
भारत को मिला उच्च क्षमता वाला पहला रेल इंजन
- 20 सितंबर 2017 को भारत को फ्रांस से उच्च क्षमता वाला रेल इंजन की प्राप्ति हुई। यह रेल इंजन अत्यधिक शक्तिशाली है जिससे भारतीय रेलवे की क्षमता में वृद्धि होगी। फ्रांस की कंपनी एल्स्टम फ्रांस ने बारह हजार हॉर्स पावर क्षमता वाले इस पहले रेल इंजन की आपूर्ति की।
- फ्रांस द्वारा प्रदान किये गये इस रेल इंजन को कोलकाता बन्दरगाह पर हासिल किया गया। इस इंजन के माध्यम से भारत में उच्च क्षमता वाले लोकोमोटिव इंजन चलाये जाने हेतु मार्ग प्रशस्त किया।
- उच्च क्षमता वाले इस इंजन की अनुमानित लागत 30 करोड़ रूपये है।
- इसको मेधपुरा संयंत्र में एसेम्बल किये जाने के बाद इसका ट्रायल फरवरी 2018 में किया जायेगा।
- उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल ने मधेपुरा स्थित लोकोमोटिव कारखाने में संयुक्त उपक्रम के तहत अगले 11 साल में 800 ऐसे इंजन तैयार करने का करार नवंबर 2015 में किया था। यह रेल विभाग में पहला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है।
- पहले ऐसे इंजन पर करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। इसे मधेपुरा संयंत्र में एसेंबल किये जाने के बाद इसका ट्रायल अगले साल फरवरी में शुरू किया जाएगा।
WHO ने बांग्लादेश की "संकटग्रस्त जनसंख्या" के लिए अनुदान दिया
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में "संकटग्रस्त जनसंख्या" को लाइफ-सेविंग हेल्थ केयर प्रदान करने के लिए 175,000 डॉलर की अपनी पहली किश्त जारी की.
- डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय स्वास्थ्य आपातकालीन निधि (सीएआरएचईएफ) अनुदान, कम से कम दो महीने तक आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए 20 मोबाइल मेडिकल टीमों का समर्थन करेगी.
विश्व व्यापार संगठन ने साल 2017 में बेहतर व्यापार वृद्धि संभावनाओं का अनुमान लगाया
- विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने व्यापार के विकास की अनुमानित वृद्धि 3.6 फीसद कर दी है जो कि पहले 2.4 फीसद अनुमानित थी।
- डब्ल्यूटीओ की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “साल 2017 में विश्व व्यापार वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 3.6 फीसद कर दिया गया है।”
- संगठन का कहना है कि 3.6 फीसद की वृद्धि साल 2016 में 1.3 फीसद की वृद्धि के मुकाबले पर्याप्त सुधार को दर्शाती है।
- विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक रॉबर्टो एजेवेडो ने कहा कि ऐसे समय में जब व्यापार के लिए बेहतर दृष्टिकोण एक अच्छी खबर है, "पर्याप्त जोखिम" विश्व अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा करते हैं और ये आसानी से किसी भी व्यापारिक सुधार को कमजोर कर सकते हैं।

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