बस्तर जिले के सर्वाधिक मलेरिया प्रभावित जोन दरभा क्षेत्र के 14 वर्षीय बच्चे के ब्लड सैम्पल की जांच में एनआईआरटीएच जबलपुर द्वारा मलेरिया के चारों स्टेज होने की पुष्टि हुई है।

यह पूरे देश का पहला दुर्लभ केस माना जा रहा है। हांलाकि बच्चा वर्तमान में स्वस्थ बताया गया है।
  • जनवरी 2015 में दरभा स्थित बालक छात्रावास में रहने वाले 14 वर्षीय बालक को बुखार की शिकायत पर दरभा सीएचसी में भर्ती करवाया गया था। यहां मलेरिया पाजीटिव पाए जाने पर उसे बेहतर उपचार के लिए मेकाज भेजा गया था, जहां 10 दिनों तक सघन उपचार के बाद वह स्वस्थ हो गया था। 

  • बच्चे का ब्लड सैम्पल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ एनआईआरटीएच जबलपुर को भेजा गया था। वहां के वैज्ञानिकों द्वारा स्लाइड का कई स्तर पर परीक्षण किया गया।

परीक्षण में मलेरिया के सभी चार स्टेज पल्समोडियम वाइबेक्स, फेल्सीफेरम, ओवेल व मलेरी के लक्षण पाए जाने पर वैज्ञानिकों ने पांच बार क्रास एक्जामिन किया। इसके बाद भी यही रिपोर्ट पाए जाने के बाद डब्ल्यूएचओ को सैम्पल भेजी गई। 
  • वहां से भी इसकी पुष्टि होने के बाद एनआईआरटीएच ने इसका खुलासा किया है। विशेषज्ञों की मानें तो मलेरिया का सबसे खतरनाक स्टेज सेरीब्रल फेल्सीफेरम को माना जाता है। बताया जा रहा है कि देश में मलेरिया का यह पहला दुर्लभतम मामला है।
  • आमतौर पर मलेरिया के एक या दो स्टेज ही अब तक पाए गए हैं। 


साभार: नईदुनिया 
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