UPSC/ IAS Exam Myths & Realities: हिंदी में


IAS परीक्षा से संबंधित मिथक और सच्चाई

सिविल सेवा परीक्षा को भारत की शीर्ष परीक्षा माना जाता है . सिविल सेवा परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को समाज में न सिर्फ सर्वोच्च प्रतिष्ठा प्राप्त होती है बल्कि एक अच्छा वेतन भिमिलता है. All India service के साथ-साथ central civil services की आवश्यकता को पूरा करने के लिए Union Public Service Comission (UPSC) प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। UPSC प्रत्येक वर्ष फरवरी के महीने में Official notification जारी करता है. UPSC/IAS की तैयारी के बारे में कई पुराने उम्मीदवारों और कोचिंग वालों ने तमाम तरह के झूठ फैला रखे हैं. इन मिथकों का IAS की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों पर काफी गलत प्रभाव पड़ता है. और इन मिथकों के कारण उनके प्रयास और प्रदर्शन प्रभावित होते हैं।
कुछ सबसे आम मिथक यहाँ हमने दिए हैं. 
UPSC/ IAS Exam Myths & Realities: हिंदी में


UPSC की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षा है
यह पूरी तरह से सत्य नहीं है. हर परीक्षा को सही रणनीति और दृष्टिकोण के साथ पास किया जा सकता है. यह सच है कि सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है और परीक्षा प्रक्रिया को पूरा होने  में लगभग एक वर्ष से अधिक का समय लगता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि यह परीक्षा सबसे कठिन है. हम यह कह सकते हैं की IAS परीक्षा का सिलेबस अपनी व्यापकता के कारण बहुत ज्यादा हो जाता है परन्तु  IAS परीक्षा के सिलेबस की भी कुछ सीमाएं हैं, ताकि इसे समय पर कवर किया जा सके और IAS की तैयारी प्रभावी तरीके से हो सके.

IAS
की तैयारी में 15 से 20 घंटे पढ़ाई करना होता है.
यह IAS उम्मीदवारों के बीच सबसे बड़ा मिथक है. IAS की परीक्षा के टॉपर्स और IAS परीक्षा की तैयारी  से संबंधित शिक्षक, IAS परीक्षा को पास करने के लिए दिन में 8 घंटे की पढ़ाई करने का सुझाव देते हैं, लेकिन इन 8 घंटों का अध्ययन बहुत ही अच्छे तरीके से, और Best study material के साथ होना चाहिए। हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ पर अभ्यर्थियों ने अपने full टाइम जॉब के साथ IAS परीक्षा उतीर्ण की. इसलिए हम यह नहीं कह सकते हैं कि IAS परीक्षा को पास करने के लिए प्रतिदिन 15-20 घंटे का अध्ययन करना जरुरी ही है.

IAS
उम्मीदवारों को सब कुछ पता होना चाहिए
यह एक लोकप्रिय धारणा है कि IAS अभ्यर्थी को हर चीज के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए. यह सच नहीं है. UPSC ने बहुत ही स्पष्ट तरीके से अपने पाठ्यक्रम को design किया है कि क्या पढ़ना है, कितना पढ़ना है ये सब परिभाषित किया गया है, जिसे IAS परीक्षा की तैयारी में follow किया जाता है. कुछ मानक पुस्तकें हैं जिनके माध्यम से हम UPSC पाठ्यक्रम को पूरी तरह से तैयार कर सकते हैं. UPSC अपनी official notification में यह निर्धारित करता है की IAS अभ्यर्थी दिए गए हर विषय की सामान्य जानकारी रखता हो तथा वैचारिक स्पष्टता के साथ साथ वैज्ञानिक सिधान्तों के बारे में भी जानता हो. सच बात ये है कि IAS एक सामान्य सेवा है, और UPSC को पाठ्यक्रम में निर्धारित सभी विषयों की केवल सामान्य समझ की आवश्यकता होती है. तो  अभ्यर्थी को किसी विषय का विशेषज्ञ होने की जरूरत नहीं है.

सिर्फ अव्वल छात्र की बन सकते हैं आईएएस
यह भी एक बहुत ही सामान्य मिथक है कि IAS अभ्यर्थी को अपने विद्यार्थी जीवन में अव्वल रहने की आवश्यकता है परन्तु सत्य यह है कि अधिकतर IAS टॉपर ऐसे ही रहे हैं जो अपने विद्यार्थी जीवन में एक औसत छात्र थे. हमारे पास विभिन्न उदाहरण हैं, यहां तक कि एक IAS तो नौवीं कक्षा में फेल हो गयी थी.
IAS की परीक्षा एक बहुत ही कठिन परीक्षा है लेकिन इअसा नहीं है कि इसे सिर्फ अव्वल तेज लोग ही निकल पाते हैं बल्कि इस परीक्षा को वो ही निकल पाते हैं जिनके अन्दर इस परीक्षा को लेकर जूनून होता है.

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