अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड
ट्रंप ने अफगानिस्तान के बारे में अपनी नई नीति की घोषणा की है। यह नीति उनके
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीति के उलट है.
- ट्रंप की इस नई अफगान नीति का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि उसने अफगान अराजकता के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप ने पाकिस्तान को साफ-साफ चेतावनी दी है कि यदि उसने आतंकवाद को प्रश्रय देना बंद नहीं किया तो अमेरिका उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेगा। इसमें फौजी और आर्थिक दोनों कार्रवाइयां शामिल हैं।
- दूसरी बात, पहली बार अमेरिका ने अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को खुले-आम रेखांकित किया है। ट्रंप ने कहा है कि भारत अफगानिस्तान में निर्माण-कार्य जारी रखे ।
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- तीसरी बात, यह कि ट्रंप ने ओबामा द्वारा अमेरिकी फौजी उपस्थिति घटाने की नीति को उलट दिया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की शांति और व्यवस्था के लिए जितनी फौजें जरुरी होंगी.
- चौथी बात, ट्रंप ने ओबामा की समय-सीमा को भी समाप्त कर दिया है। अब अफगानिस्तान में जब तक जरुरी होगा, अमेरिकी फौजें तैनात रहेंगी।
- ट्रंप की पांचवीं बात का जोर इस बात पर रहा की कि अब अमेरिका का ध्यान फौजी कार्रवाई पर ज्यादा होगा बनिस्बत निर्माण-कार्यों पर !
- छठी बात, ट्रंप की इस नई अफगान-नीति के कारण दक्षिण एशिया के प्रति चीन और रुस की नीतियों में भी परिवर्तन दिखाई पड़ सकता है। अमेरिका और भारत की समीपता पाकिस्तान को चीन और रुस के नजदीक ले जा सकती हैं।

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