यूनेस्को (UNESCO)
का पूरा नाम
‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक
संगठन (United Nations
Educational Scientific and Cultural Organization)’ है
मुख्यतः यह विश्व धरोहर स्थल को नामित करने के लिए
जाना जाता है.
हाल ही में अमेरिका नें यूनेस्को से बाहर होने का फैसला
लिया है. अमेरिका का फैसला 31 दिसंबर 2018 से प्रभावी होगा.
उस वक्त तक
यूनेस्को का एक पूर्णकालिक सदस्य बना रहेगा.
कारण:
- अमेरिका का कहना है कि यूनेस्को में लंबे समय से एंटी-इजरायल प्रस्ताव पारित हो रहे हैं जो उनके यूनेस्को से बाहर होने का मुख्य कारण है.
- वर्ष 2011 में जब यूनेस्को ने वोटिंग के जरिए फिलिस्तीन को सदस्य बनाया था उसके बाद से अमेरिका ने यूनेस्को की फंडिंग रोक दी थी. अमेरिका द्वारा यूनेस्को को प्रति वर्ष 8 करोड़ डॉलर की सहायता राशि दी जाती थी, जो यूनेस्को के कुल राजस्व का लगभग 22 प्रतिशत था।
- अमेरिका द्वारा पैसा नहीं देने के कारण यूनेस्को को आर्थिक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। विगत् दो वर्षों (2011-2013) में होलोकॉस्ट एजुकेशन और सुनामी रिसर्च जैसे कई कार्यक्रम बंद करने पड़े।
अमेरिका ने 1984 में अपनी सदस्यता वापस ले ली। ब्रिटेन 1985 में संगठन से बाहर चला गया किंतु 1997 में पुनः शामिल हो गया।
यूनेस्को के बारे में कुछ तथ्य:
- यूनेस्को की स्थापना 16 नवंबर 1945 को अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करने के उद्देश्य से हुई थी.
- यूनेस्को का मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है
- यूनेस्को की सदस्य संख्या 195 है (जुलाई 2014 की स्थिति के अनुसार इसमें 9 सहयोगी सदस्य और 2 पर्यवेक्षक राष्ट्र शामिल हैं)।
- भारत यूनेस्को का साल 1946 से सदस्य है.
- महानिदेशक: इरीना बोकोवा

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