हाल ही दिनों में कई
बैंकों में धोखाधड़ी के कई मामले सामने आने के बाद आरबीआई ने कड़े कदम उठाने शुरू
कर दिए हैं। अब कॉर्पोरेट क्षेत्र, विशेष रूप से छोटे
और मध्यम बिजनेस के लिए कर्ज लेना आसान नहीं होगा। सारे नियम पूरे होने के बाद
ही कर्ज दिया जा सकेगा।
Prompt Corrective Action (PCA) |
आरबीआई पीसीए
प्रणाली पर काम कर रहा है, जिसके तहत नियमों के मुताबिक
ही बैंक कर्ज दे सकेंगे।
जिन बैंकों का कर्ज देने में प्रदर्शन काफी खराब रहा है। ऐसे तीन-चार बैंकों को पीसीए
फ्रेमवर्क के तहत लाए जाने की संभावना है। इससे आने वाले समय में बैंकों में
धोखाधड़ी के केस कम होंगे।
कैसे काम करेगा
पीसीए
पीसीए प्रणाली
बैंकों के लोन को सीमित कर देता है इसलिए निश्चित रूप से कंपनियों पर विशेष रूप से
एमएसएमई को उपलब्ध कराए जाने को लेकर क्रेडिट दबाव पड़ेगा। बड़ी कंपनियों के
कॉरपोरेट बॉन्ड की पहुंच बाजार तक है जिसके कारण उनका तुरंत प्रभाव नहीं हो सकता
है।
- 21 सरकारी बैंकों में से 11 बैंक पीसीए के तहत हैं। पीसीए के तहत बैंक न्यूनतम पूंजी, नॉन परफॉर्मेंस एसेट्स और रिटर्न एसेट्स पर लोन को लेकर नियमों का उल्लंघन करते हैं।
- पीसीए के तहत पांच और बैंक लाए जा सकते हैं। इसमें कैनरा बैंक, यूनियन बैंक, आंध्र बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं।
- फिलहाल एनपीए प्रणाली के तहत पहले से ही 11 बैंक आईडीबीआई बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक और इलाहाबाद बैंक हैं।