भारत सरकार के राष्ट्रीय
स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम (एसएलएनपी) के तहत देश भर में 30 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाकर 50,000 किलोमीटर लंबी
भारतीय सड़कों को रोशन किया गया है।
- इसकी बदौलत विद्युत मंत्रालय के प्रशासन के अधीनस्थ भारत सरकार की कंपनी एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड दुनिया की सबसे बड़ी स्ट्रीट लाइट प्रबंधन कंपनी बन गई है।
- 30 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के परिणामस्वरूप वार्षिक 39 करोड़ केडब्ल्यूएच ऊर्जा की बचत हुई है।
- इससे शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के मामले में 104.19 मेगावाट से अधिक की क्षमता से बचा गया।
- इसके अलावा, लाइट्स की बड़े पैमाने पर खरीद की बदौलत एलईडी स्ट्रीट लाइट्स की खरीद कीमत 135 रुपये प्रति वाट से घटकर 80 रुपये प्रति वाट के स्तर पर आ गई है।
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राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम:
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी, 2015 को ‘राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम’ (Street Light National Programme) का शुभारंभ किया था।
इस कार्यक्रम के तहत 100 शहरों में पारंपरिक
स्ट्रीट एवं घरेलू लाइट के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलईडी (LED) बल्ब लगाया जा रहा है।
सरकार का उद्देश्य इस कार्यक्रम के तहत देश भर में 3.5 करोड़ परंपरागत स्ट्रीट लाइट के स्थान पर एलर्ईडी बल्ब लगाना है।
ग्रामीण एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम:
भारत सरकार द्वारा
आंध्र प्रदेश में ‘ग्रामीण एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम’ का कार्यान्वयन किया
गया।
कार्यक्रम का कार्यान्वयन विद्युत मंत्रालय के तहत ‘ऊर्जा दक्षता सेवाएं
लिमिटेड’ (EESL: Energy Efficiency Services Limited) द्वारा किया गया।
भारत सरकार के ‘राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम’ के तहत
देश में ग्रामीण एलईडी स्ट्रीट लाइटिंग की यह पहली परियोजना है।
ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड:
विद्युत मंत्रालय ने
एनटीपीसी लिमिटेड, पीएफसी, आरईसी और पावरग्रिड के साथ मिलकर एक संयुक्त उद्यम ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड
(ईईएसएल) की स्थापना की है जिससे ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के कार्यान्वयन की
सुविधा प्रदान की जा सके।
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