प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत): वे बातें जो आपको जानना जरूरी है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) को झारखंड से लॉन्च कर दिया। इसे दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ प्रोग्राम माना जा रहा है। वैसे, यह योजना 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर पूरी तरह लागू होगी.

इस स्कीम की खास बातें

इतने परिवारों को किया जायेगा कवर
इस स्कीम के तहत 10.74 करोड़ परिवारों के करीब 50 करोड़ लोग लाभार्थी होंगे। इनमें से करीब 8 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं तो करीब 2.4 करोड़ शहरी परिवार हैं। इस तरह देश की करीब 40 प्रतिशत आबादी को इसके तहत मेडिकल कवर मिल जाएगा। लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पताल में प्रति साल 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज करा सकेंगे। इसके तहत इलाज पूरी तरह कैशलेस होगा। इस स्कीम की शुरुआत के साथ ही देश के 10,000 सरकारी और निजी अस्पतालों में गरीबों के लिए 2.65 लाख बेड की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

खर्च केंद्र और राज्य मिलकर करेंगे वहन
इस योजना पर होने वाले खर्च को केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठाएंगी। PMJAY पर आने वाले खर्च का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी और 40 प्रतिशत भार राज्य सरकारों पर पड़ेगा।

आरोग्य मित्र
नैशनल हेल्थ एजेंसी ने 14,000 आरोग्य मित्रों को अस्पतालों में तैनात किया गया है। इनके पास मरीजों की पहचान सत्यापित करने और उन्हें इलाज के दौरान मदद करने का काम होगा। लाभार्थियों के वेरिफिकेशन में इन आरोग्य मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी, इसके अलावा किसी भी पूछताछ और समस्याओं के समाधान के लिए भी मरीज इन लोगों से संपर्क कर सकेंगे।

पात्रता का आधार
2011 के सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना में गरीब के तौर पर चिह्नित किए गए सभी लोगों को इसके लिए पात्र माना गया है। इसका मतलब यह भी है कि अगर कोई शख्स 2011 के बाद गरीब हुआ है तो वह इसके फायदे से वंचित हो जाएगा।

अपना नाम चेक करें
योजना को संचालित करने वाली नैशनल हेल्थ एजेंसी (NHA) ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया है, जिसके जरिए कोई भी यह जांच सकता है कि लाभार्थियों की फाइनल लिस्ट में उसका नाम शामिल है या नहीं। लिस्ट में अपना नाम जांचने के लिए आप mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर सकते हैं।

इलाज, सरकारी या प्राइवेट किसी अस्पताल में
इस योजना के लिए सरकार की सूची में शामिल सरकारी या प्राइवेट किसी भी अस्पताल में इलाज के दौरान इसका लाभ लिया जा सकता है। जिसमें कैंसर सर्जरी और कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, हार्ट बाइपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी और एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे जांच शामिल हैं।

क्या आधार कार्ड जरुरी नहीं  
इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है।

कैसे लें लाभ
सरकार के पैनल में शामिल हर अस्पताल में 'आयुष्मान मित्र हेल्प डेस्क' होगा। वहां लाभार्थी अपनी पात्रता को डॉक्युमेंट्स के जरिए वेरिफाई कर सकेगा। इलाज के लिए किसी स्पेशल कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिर्फ लाभार्थी को अपनी पहचान स्थापित करनी होगी। पात्र लाभार्थी को इलाज के लिए अस्पताल को एक पैसे भी नहीं देने होंगे। इलाज पूरी तरह कैशलैश होगा।

इन राज्यों में फिलहाल लागू नहीं?

दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, तेलंगाना और पंजाब ने अभी इस योजना के लिए केंद्र के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (MoU) पर दस्तखत नहीं किए हैं। ये राज्य इसी तरह की खुद की योजना चाहते हैं, कुछ में पहले से ही इस तरह की योजना चल रही है।

स्रोत: नवभारत टाइम्स